लोकतंत्र का प्राण किसे कहा जाता है | लोकतंत्र की पूरी जानकारी

दोस्तों आज हम इस पोस्ट में लोकतंत्र का प्राण किसे कहा जाता हैं? Loktantra Ka Pran Kise Kaha Jata Hai? इस सवाल का जवाब  जानने वाले हैं। इसके अलावा लोकतंत्र की पूरी जानकारी भी जानने वाले हैं। अक्सर काफी लोग गूगल पे इस सवाल का जवाब ढुंढते हैं और काफी लोगों के मन में भी यह सवाल रहता हैं। जो भी छात्रा किसी सरकारी परीक्षा की तैयारी कर रहा हैं, उसे भी इस तरह के सवाल के जवाब पता होना चाहिए।

लोकतंत्र की कुछ जानकारी

लोक और तंत्र दो शब्दो के जोड़ से लोकतंत्र यह एक शब्द बना हुआ हैं। लोक इस शब्द का प्रजा या जनता होता हैं और तंत्र का मतलब शासन होता है। लोकतंत्र इस पूरे शब्द का मतलब ‘जनता की शासन’ यह होता हैं। विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र हमारे भारत देश का हैं। भारत देश के हर नागरिक को एक व्यवस्था के अनुसार देश की शासन व्यवस्था चुनने का अधिकार होता हैं यह चुनाव वह अपने हिसाब से कर सकता हैं।

हर भारतीय नागरिक को कुछ मौलिक अधिकार दिया गया हैं। इस अधिकार का इस्तेमाल वह नागरिक अपने हिसाब से करता हैं और कोई भी शासन या कानून उस नागरिक के इन अधिकारों को छीन नहीं सकती हैं।

यह सभी अधिकार हमारा भारत देश का लोकतंत्र होने की वजह से मिल पाया हैं। इसी लोकतंत्र की वजह से ही देश के हर नागरिक को यह सभी अधिकार मिला हैं। इन अधिकारों के बारे में आगे जानेंगे।

जनता का, जनता के लिए और जनता द्वारा बनाया गया शासन को लोकतंत्र शासन कहते हैं। यह लोकतंत्र की परिभाषा हैं। इस लोकतंत्र शासन में जनता ही मूल सत्ताधारी होती है, जनता की अनुमति से ही शासन का निर्माण होता है और जनता की प्रगति ही शासन का लक्ष्य माना जाता है।

इसके अलावा लोकतंत्र शासन का मुख्य सिद्धांत कुछ अलग हैं जनता द्वारा, जनता के हित में और जनता पर शासन यह हैं। लोकतंत्र शासन एक ऐसा शासन व्यवस्था है, इसमें शासक का चुनाव जनता द्वारा किया जाता हैं। भारतीय नागरिक को यह अधिकार दिया गया हैं, की वह अपना मतदान अपने विचार से किसी भी पार्टी को दे सकता हैं और अपने देश के शासन का चुनाव खुद कर सकता हैं।

अभी तक अपने सिर्फ लोकतंत्र के बारे जानकारी प्राप्त किया हैं, लेकिन अभी लोकतंत्र के प्राण की जानकारी जानना बाकी हैं। आपको भी लोकतंत्र का प्राण किसे कहा जाता हैं? Loktantra Ka Pran Kise Kaha Jata Hai? इस सवाल का जवाब पूरे विस्तार से जानना हैं, तो इस पोस्ट को अंतिम तक पढ़े। तो चलिए जानते हैं, लोकतंत्र के प्राण किसे कहा जाता हैं?

लोकतंत्र का प्राण किसे कहा जाता है

विश्व सबसे बड़ा लोकतान्त्रिक देश भारत को कहा जाता है और विश्व का सबसे पुराण लोकतान्त्रिक देश अमेरिका को कहा जाता है। लोकतंत्र यह एक शासन प्रणाली है और इसमें उस देश के नागरिक उस देश की शासन प्रणाली को प्रतक्ष्य रूप से चलाते हैं। हमारे भारत देश की आजादी साल 1947 के बाद सबसे पहले  हमारे देश का संविधान बनाने निर्णय लिया गया था। इसकी सबसे पहले जरूरत थी, क्युकी भारत देश के लोकतंत्र शासन को चलाने के लिए संविधान का होना काफी महत्वपूर्ण था। जो शासन चलाने के लिए नियम और अनुछेद चाहिए, वो संविधान में ही होते हैं और इसी संविधान के नियम पर देश चलाया जाता हैं।

विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान भारतीय संविधान को कहा जाता हैं। डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर को भारत के लोकतंत्र का जनक कहा जाता है। डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर के अध्य्क्षता में 26 जनवरी साल 1949 में भारत के संविधान समिति ने भारत के संविधान को अपनाया था। लोकतंत्र शासन को चलाने के संविधान काफी महत्वपूर्ण होता हैं इसी वजह से संविधान को भी लोकतंत्र का प्राण मानते हैं।

किसी भी लोकतंत्र देश की शासन व्यवस्था स्थिर रूप से चलाने के लिए उस देश की जनता की काफी महत्वपूर्ण भूमिका होती हैं, क्युकि उस देश की जनता ही उस देश की सरकार का चुनाव करती हैं, जो की उस देश की शासन व्यवस्था को अच्छे से चला सके। इन सभी बातों से पता चलता हैं, की संविधान देश चलाने के लिए कितना महत्वपूर्ण हैं।

लोकतंत्र की कुछ विशेषताए


हमारे भारत देश में लोकतंत्र शासन लागू होने के बाद  भारत देश के सभी नागरिको को कुछ मौलिक अधिकार दिए गए हैं। इसके अलावा भारत में कुछ लोकतान्त्रिक शासक प्रणाली के तहद कुछ मुख्य विशेषताए शामिल किया गया हैं। इन विशेषताओं और अधिकार के बारे कुछ मुख्य जानकारी आपको बताने वाला हु, तो चलिए जान लेते हैं।

1) अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता

भारत एक लोकतान्त्रिक देश होने के कारण इस देश के सभी नागरिक को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार दिया गया है। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मतलब हमारे भारत देश का कोई भी नागरिक अपनी राय बिना किसी डर के रख सकता हैं और यह उस नागरिक का अधिकार हैं। बोलने की या अपना विचार बताने की स्वतंत्रता हर एक नागरिक को दिया गया हैं और हर नागरिक के पास freedom of speech हैं, इसका मतलब पूरी तरह से बोलने की छूट होता हैं और freedom of expression भी दिया गया हैं, इसका मतलब अपनी हर एक बात को बिना डरे अभिव्यक्त करने की पूरी स्वतंत्रता होता है।

2) मतदान का अधिकार या चुनाव का अधिकार

भारत के संविधान के अनुच्छेद 325 और 326 के अनुसार भारत के सभी नागरिक को मतदान करने का अधिकार दिया गया हैं, लेकिन इसमें कुछ नियम हैं। वह नागरिक भारतीय होना चाहिए, उसकी आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए और वह नागरिक मानसिक रूप से स्वस्थ होना चाहिए। हर भारतीय नागरिक को इस अधिकार के कारण अपने  विचार से देश की सरकार को चुनने का मौका मिलता हैं।

इस अधिकार में वह नागरिक अपने विचार के अनुसार अच्छी सरकार का चुनाव करके देश में अच्छी सरकार ला सकते हैं और अच्छी सरकार का चुनाव करने से देश का विकास होगा और साथ ही उस देश के नागरिक का भी विकास होगा। इसी वजह से यह अधिकार काफी महत्वपूर्ण अधिकार साबित होता हैं।

3) निष्पक्ष न्यायलय

भारत देश लोकतान्त्रिक देश है, इसी वजह से सभी नागरिक को यहाँ पर समान न्याय मिलता है। लोकतान्त्रिक प्रणाली की वजह से हमारे देश के न्यायलय में सभी दोषी या अपराधी के साथ एक समान न्याय किया जाता है, चाहे वह नागरिक हैसियत से छोटा हो या बड़ा हो यहाँ पर बिना किसी भेद भाव के सभी नागरिक को समान न्याय मिलता हैं। इस न्याय व्यवस्था के कारण किसी भी नागरिक के साथ अन्याय नहीं होता हैं और न्याय व्यवस्था बनी रहती हैं।

4) स्वतंत्र मीडिया

भारत में स्वतंत्र मीडिया हैं और इसकी वजह भारत का लोकतंत्र होना हैं। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत भारत देश के हर नागरिक को Freedom of Speech यानी बोलने स्वतंत्रता और Freedom Of Expression यानी अपने बातो को अभिव्यक्ति करने के की स्वतंत्रता दिया गया हैं। इसी अधिकार के कारण भारत में मीडिया को खुलकर बोलने का मौका मिलता हैं और उन्हे उनकी बाते और विचार को कोई भी नही रोक सकता हैं।

लोकतंत्र का प्राण किसे कहा जाता हैं: FAQs

1) भारत देश में लोकतंत्र की स्थापना कब हुई थी?
उत्तर: भारत देश में लोकतंत्र की स्थापना भारत देश की आजादी के बाद साल 1947 में हुई थी।

2) भारत के लोकतंत्र के जनक का नाम क्या हैं?
उत्तर: डॉ बाबासाहेब आंबेडकर भारत के लोकतंत्र के जनक हैं।

3) लोकतंत्र की स्थापना किस सरकार के नेतृत्व मे था?
उत्तर: लोकतंत्र की स्थापना भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेतृत्व में हुआ था

4) Democracy का मतलब क्या होता हैं?
उत्तर: लोकतंत्र को अंग्रेजी में Democracy कहते हैं।

5) भारतीय गणतंत्र का इतिहास कब से शुरू होता हैं?
उत्तर: 15 अगस्त 1950 से भारतीय गणतंत्र का इतिहास शुरू होता हैं।

6) भारत देश ने संविधान को कब अपनाया था?
उतर: भारत देश ने संविधान को 26 जनवरी साल 1949 को डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर जी के अध्य्क्षता में अपनाया था।

7) लोकतंत्र का प्राण किसे कहा जाता हैं?
उत्तर : भारत के संविधान को लोकतंत्र का प्राण कहा जाता हैं।

conclusion

दोस्तों अपने आज इस पोस्ट में लोकतंत्र का प्राण किसे कहा जाता हैं? Loktantra Ka Pran Kise Kaha Jata Hai? इस सवाल का जवाब और साथ ही लोकतंत्र से जुड़ी हर जानकारी को जाना हैं। हमें आशा हैं, की आपको यह लोकतंत्र की जानकारी अच्छी लगी होगी। आपको अगर यह लोकतंत्र की जानकारी अच्छी लगी हैं, तो इसे share करें। आपका कोई भी सवाल लोकतंत्र का प्राण किसे कहा जाता हैं? Loktantra Ka Pran Kise Kaha Jata Hai? इस पोस्ट से जुड़ा हैं, तो comment में बताए।