लोकमान्य तिलक की जीवनी | Lokmanya Tilak Biography In Hindi

दोस्तों आज के Lokmanya Tilak biography in hindi इस पोस्ट में हम मशहूर भारतीय समाजसेवक और राजनेता लोकमान्य तिलक की जीवनी की जानकारी जानने वाले हैं। लोकमान्य तिलक कौन हैं?, लोकमान्य तिलक का परिवार, लोकमान्य तिलक की शिक्षा, लोकमान्य तिलक का करिअर, लोकमान्य तिलक की मृत्यु इन सारी बातों को हम इस पोस्ट के माध्यम से जानने वाले हैं। आपको अगर लोकमान्य तिलक की जीवनी के बारे में विस्तार से जानना हैं, तो इस पोस्ट को अंतिम तक अच्छे से जरुर पढ़ना।

Lokmanya Tilak Biography In Hindi

मुद्दाजानकारी
पूरा नाम बाल गंगाधर तिलक
उपनामलोकमान्य तिलक
असली नाम केशव गंगाधर तिलक
आयु64 साल (मृत्यु के अनुसार)
जन्म तिथी 23 जुलाई 1856
जन्म स्थानरत्नागिरी, महाराष्ट्र, भारत
मृत्यु तिथीजुलाई 1920
लिंग पुरुष
राष्ट्रीयताभारतीय
धर्महिंदू धर्म
जात ब्राह्मण
वैवाहिक स्थितीविवाहित
पेशाशिक्षक और राजनेता
राजनैतिक पार्टीराष्ट्रीय कांग्रेस

लोकमान्य तिलक कौन हैं? (Who is Lokmanya Tilak)

केशव गंगाधर तिलक जिन्हें लोग बाल गंगाधर तिलक और लोकमान्य तिलक के नाम से भी जानते हैं। वह एक भारतीय राष्ट्रवादी, पत्रकार, शिक्षक और स्वतंत्रता कार्यकर्ता थे। लोकमान्य तिलक भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के पहले नेता थे। लाल बाल पाल तिकड़ी के तीन सदस्यों में से एक लोकमान्य तिलक थे।

ब्रिटिश औपनिवेशिक अधिकारियों द्वारा भारतीय अशांति का जनक लोकमान्य तिलक को करारा गया था। उसी समय तिलक को लोकमान्य नाम की उपाधि दी गई थी। लोकमान्य का अर्थ है, लोगों द्वारा एक नेता के रूप में स्वीकार करना। लोकमान्य तिलक को भारत के सबसे महान नेता महात्मा गांधी द्वारा आधुनिक भारत का निर्माता यह करार दिया गया। लोकमान्य तिलक भारतीय चेतना में एक मजबूत कट्टरपंथी थे। वह स्वराज के पहले और सबसे मजबूत समर्थक थे।

लोकमान्य तिलक की जीवनी में हम आगे उनके प्रारंभिक जीवन की जानकारी, एक राजनीतिक नेता और एक शिक्षक के रूप में उनका करियर, उनके सामाजिक दृष्टिकोण, भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में उनका योगदान और लोकमान्य की मृत्यु के बारे में जानने वाले हैं।

लोकमान्य तिलक का प्रारंभिक जीवन (Early Life Lokmanya Tilak)

हम इस तालिका में लोकमान्य तिलक के प्रारंभिक जीवन से संबंधित जानकारी जानने वाले हैं।

लोकमान्य का जन्म एक मराठी हिंदू चितपावन ब्राह्मण परिवार में हुआ है। लोकमान्य तिलक का जन्म 23 जुलाई 1856 को हुआ था और उनका जन्म स्थान रत्नागिरी जिले, बॉम्बे राज्य, ब्रिटिश भारत में हुआ था जो आज रत्नागिरी, महाराष्ट्र, भारत इस नाम से जानते है। लोकमान्य तिलक का पैतृक गांव चिखली यह है।

लोकमान्य तिलक अपने पिता के मृत्यु के कुछ समय बाद परिवार को लेकर पुणे में स्थानांतरित हो गए थे। साला 1871 में लोकमान्य तिलक का विवाह तापीबाई से हुआ और बाद में उनकी पत्नी का नाम बदलकर सत्यभामाबाई यह रख दिया गया था।

लोकमान्य तिलक का शिक्षण करियर (Lokmanya Tilak Biography of career)

लोकमान्य तिलक ने स्नातक की पढाई पूरी की हैं और स्नातक की पढाई पूरी करने के बाद वह पुणे के एक निजी स्कूल में गणित का विषय पढ़ाना शुरू किया था।

साल 1880 में लोकमान्य तिलक ने महादेव बल्लाल नामजोशी, गोपाल गणेश आगरकर और विष्णुशास्त्री चिपलूनकर अपने इन कॉलेज के दोस्तों के साथ मिलकर माध्यमिक शिक्षा के लिए न्यू इंग्लिश स्कूल की स्थापना किया था और इस स्कूल को शुरू करने के पीछे एक उनका एक मिशन था, की भारत के युवाओं के शैक्षणिक स्तर को बढ़ाने का था।

इस इंग्लिश स्कूल की सफलता ने लोकमान्य तिलक को साल 1884 में डेक्कन एजुकेशन सोसाइटी की स्थापना के लिए एक राष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली की शुरूआत करने के लिए प्रेरित किया था। उनकी इस प्रणाली ने भारतीय संस्कृति पर जोर देते हुए भारतीय युवाओ को राष्ट्रवादी विचारों की शिक्षा को पढ़ाया था।

फर्ग्यूसन कॉलेज की स्थापना लोकमान्य तिलक ने साल 1885 में डेक्कन एजुकेशन सोसाइटी द्वारा माध्यमिक शिक्षा की स्थापना के बाद किया था और उसी फर्ग्यूसन कॉलेज में लोकमान्य तिलक गणित का विषय पढ़ाते थे।

लोकमान्य तिलक ने अधिक खुले तौर पर राजनीतिक प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए और अपने आप को राजनीति में झोंकने के लिए साल 1890 में डेक्कन एजुकेशन सोसाइटी इस संस्था को छोड़ दिया था।

लोकमान्य तिलक का परिवार (Lokmanya Tilak Family)

लोकमान्य तिलक के पिता का नाम गंगाधर तिलक था।लोकमान्य तिलक के पिता एक स्कूल शिक्षक और संस्कृत के विद्वान थे। उनके पिता की मृत्यु तब हुई जब लोकमान्य तिलक सोलह साल के थे। उनकी माता का नाम पार्वती बाई गंगाधर था और वह एक गृहिणी थी। लोकमान्य तिलक का विवाह 16 साल की उम्र में ही हो गया था। उनका विवाह साल 1971 में हुआ था और उनकी पत्नी का नाम सत्यभामाबाई तिलक था। उनके परिवार सात सदस्य थे।

इसके अलावा लोकमान्य तिलक को तीन संतान थी और उनके बेटे का नाम रामभाऊ बलवंत तिलक, श्रीधर बलवंत तिलक और विश्वनाथ बलवंत तिलक हैं।

लोकमान्य तिलक की शिक्षा (Lokmanya Tilak Education)

लोकमान्य तिलक ने साल 1877 में पुणे के डेक्कन कॉलेज से गणित विषय में कला स्नातक की पढाई पूरी किया था।

आगे की पढ़ाई के लिए उन्होंने LLB में दाखिल लिया। लोकमान्य तिलक ने LLB की पढाई के लिए सेमेस्टर के बीच में अपने MA की पढाई को छोड़ दिया था। उन्होंने आखिरकार साल 1879 में गवर्नमेंट लॉ कॉलेज से LLB की डिग्री हासिल किया था।

लोकमान्य तिलक का राजनीतिक कैरियर

लोकमान्य तिलक ने साल 1890 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हो गए थे और जल्द ही स्वशासन पर पार्टी के उदारवादी विचारों का कड़ा विरोध करना लोकमान्य तिलक ने शुरू कर दिया था। लोकमान्य ने कहा कि अंग्रेजों के खिलाफ साधारण संवैधानिक यह आंदोलन अपने आप में निरर्थक था। वह कुछ समय बाद प्रमुख कांग्रेस नेता गोपाल कृष्ण गोखले के खिलाफ खड़े हो गए थे। लोकमान्य तिलक अंग्रेजों को झाडू लगाने के लिए सशस्त्र विद्रोह करना चाहते थे।

लॉर्ड कर्जन द्वारा बंगाल के विभाजन के बाद लोकमान्य तिलक ने स्वदेशी आंदोलन और ब्रिटिश के सामानों को बहिष्कार करने के लिए कहा और उन्होंने उसका तहे दिल से समर्थन किया था। लेकिन लोकमान्य तिलक के तरीकों ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस आंदोलन के बीच कड़वे विवाद खड़े कर दिए थे।

इस दृष्टिकोण में इस मूलभूत अंतर के कारण लोकमान्य तिलक और उनके समर्थक को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के चरमपंथी विंग के रूप में जानने लगे थे। लोकमान्य तिलक के इन प्रयास को बंगाल के राष्ट्रवादी के नेता बिपिन चंद्र पाल और पंजाब के नेता लाला लाजपत राय ने समर्थन दिया था। इन तीनों नेता को लोकप्रिय रूप से लाल-बाल-पाल के रूप में जानने लगे। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के साल 1907 के राष्ट्रीय अधिवेशन में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उदारवादी और उग्रवादी नेता के बीच संकट छिड़ गया था और इसी संकट के चलते कांग्रेस पार्टी दो हिस्सों में बंट गई थी।

लोकमान्य तिलक की मृत्यु (Lokmanya Tilak Death)

जलियांवाला बाग हत्याकांड की नृशंस घटना से लोकमान्य तिलक इतने निराश हुए कि उनका स्वास्थ्य स्वास्थ बिगड़ने लगा था। लोकमान्य  ने अपनी बीमारी के बावजूद भी भारतीयों से आंदोलन को नहीं रोकने के लिए कहा था और कहा की चाहे कुछ भी हो जाए आंदोलन नहीं रुकना चाहिए। लोकमान्य तिलक भी आंदोलन का नेतृत्व करने के लिए काफी उतावले थे, लेकिन उनके स्वास्थ्य के बिगड़ने के कारण वह नेतृत्व नहीं कर पाए थे। लोकमान्य मधुमेह के रोग से पीड़ित थे और उनकी हालात काफी कमजोर हो चुकी थी। साल 1920 के जुलाई महिने में उनकी हालत काफी ज्यादा बिगड़ती गई और 1 अगस्त को लोकमान्य तिलक का निधन हो गया।

जैसे ही उनके निधन की यह खबर फैल रही थी वैसे ही लोगों का एक वास्तविक सागर उनके घर की तरफ बढता जा रहा था। लोकमान्य तिलक के अंतिम दर्शन के लिए लगभग 2 लाख से अधिक लोग मुंबई में उनके घर के स्थान पर मौजूद थे।

लोकमान्य तिलक के बारे में महत्वपूर्ण सवाल

1) तिलक की मृत्यु कब हुई थी?
लोकमान्य तिलक की मृत्यु 1 अगस्त 1992 को हुई थी।

2) लोकमान्य तिलक कब से कब तक जेल में रहे?
लोकमान्य तिलक को राजद्रोह के अभियोग में गिरफ्तार 27 जुलाई 1897 को किया गया था और उन्हें 6 साल की सजा हो गयी थी।

3) बाल गंगाधर तिलक का जन्म और मृत्यु कब हुई?
बाल गंगाधर तिलक का जन्म 23 जुलाई 1856 को हुआ हैं और मृत्यु 1 अगस्त 1920 को हुई थी।

4) स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है किसका नारा था?
स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार यह नारा लोकमान्य तिलक ने लगाया हैं।

5) लोकमान्य तिलक को कौन सी बीमारी थी?
लोकमान्य तिलक को मधुमेह की बीमारी थी।

6) बाल गंगाधर की पत्नी का क्या नाम हैं?
बाल गंगाधर तिलक की पत्नी का नाम तापी था।

7) लोकमान्य तिलक के अनुसार विरोध के साधन क्या हैं?
लोकमान्य तिलक के अनुसार  स्वदेशी बहिष्कार और निष्क्रिय प्रतिरोधक यह विरोध के साधन हैं।

8) लोकमान्य तिलक के पिता का क्या नाम हैं?
लोकमान्य तिलक के पिता का नाम श्री गंगाधर तिलक यह हैं।

9) बाल गंगाधर तिलक ने हमें कौन सा नारा दिया था?
बाल गंगाधर तिलक ने स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है यह नारा दिया था।

10) लोकमान्य तिलक का जन्म कब हुआ?
लोकमान्य तिलक का जन्म 23 जुलाई 1856 को हुआ है।

तो दोस्तों आज अपने Lokmanya Tilak biography in hindi इस पोस्ट के माध्यम से लोकमान्य तिलक की जीवनी को जाना हैं और उनके जन्म से लेकर मृत्यु तक सभी बातों को भी जाना हैं। हमे आशा हैं, की हमारे द्वारा लिखा यह पोस्ट आपको अच्छा लगा होगा। अगर आपको हमारा यह  पोस्ट अच्छा लगा हो तो हमारे Lokmanya Tilak biography in hindi इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ साझा करना।

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